Rahul Gandhi Maharashtra Election Match Fixing Claims BJP JP Nadda Devendra fadnavis Dharmendra Pradhan Sharp rebuttal

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में “फिक्सिंग” के आरोपों को लेकर देश की सियासत गरमा गई है. कांग्रेस नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाने के बाद भारतीय जनता ने पार्टी ने उन पर हमला बोला है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राहुल गांधी के आरोप का जवाब देते हुए कहा कि लोकतंत्र में नाटक नहीं, सच्चाई की जरूरत है.

जेपी नड्डा ने कहा कि जेपी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी का नवीनतम लेख चुनाव दर चुनाव हारने की उनकी उदासी और हताशा के कारण फर्जी आख्यान गढ़ने का खाका है.

उन्होंने लिखा, राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के बारे में कैसे झूठ बोला? पहला उनकी हरकतों के कारण कांग्रेस पार्टी चुनाव दर चुनाव हारती है. दूसरा, आत्मनिरीक्षण करने के बजाय, वह विचित्र षड्यंत्र रचते हैं और धांधली का रोना रोते हैं. तीसरा, सभी तथ्यों और आंकड़ों को नजरअंदाज करते हैं. चौथा शून्य सबूत के साथ संस्थानों को बदनाम करते हैं. पांचवां तथ्यों के बजाय सुर्खियों की उम्मीद करते हैं.

नाटक नहीं, सच्चाई की जरूरत: जेपी नड्डा

उन्होंने कहा कि बार-बार उजागर होने के बावजूद, वह बेशर्मी से झूठ फैलाते रहते हैं. और, वह ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि बिहार में उनकी हार निश्चित है. लोकतंत्र को नाटक की जरूरत नहीं है. उसे सच्चाई की जरूरत है.

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी राहुल गांधी तीखा पलटवार किया है. फडणवीस ने गांधी को “झूठ फैलाने” का आरोप लगाते हुए राजनीतिक जमीर पर सवाल खड़े कर दिए.

जमीन पर नहीं उतरेंगे तब-तक नहीं समझेंगे… फडणवीस

राहुल गांधी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए देवेंद्र फडणवीस ने नागपुर में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी को यह समझना चाहिए कि सिर्फ आरोप लगाने से कुछ नहीं होता. जब तक वे जमीन पर नहीं उतरेंगे और तथ्यों को नहीं समझेंगे, तब तक कांग्रेस जीत नहीं सकती.

फडणवीस ने राहुल गांधी पर “झूठ फैलाने” का आरोप लगाते हुए कहा कि बार-बार तथ्य उजागर होने के बावजूद राहुल गांधी बेशर्मी से गलत बयानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी न तो खुद समझते हैं कि वे क्या कह रहे हैं, न ही देश की जनता उनके बयानों को गंभीरता से लेती है. उन्होंने यह भी दावा किया कि राहुल गांधी को यह पहले से पता है कि बिहार चुनाव में कांग्रेस हारने वाली है, इसलिए वे ध्यान भटकाने के लिए महाराष्ट्र जैसे राज्यों में फर्जी आरोप लगा रहे हैं.

राहुल गांधी की हताशा…धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अनेकों बार चुनावों में जनता द्वारा नकारे जाने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इस सत्य को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं. हर चुनावी हार के बाद चुनाव आयोग और जनादेश को कठघरे में खड़ा करना राहुल गांधी की हताशा है.

उन्होंने कहा कि नेता प्रतिपक्ष को पहले तो अपनी पार्टी के इतिहास को पढ़ना चाहिए. चुनाव आयोग पर सवाल उठाने वाले ये वही लोग हैं जिन्होंने पूर्व में दो मुख्य चुनाव आयुक्तों को कांग्रेस में शामिल कराया था. पहले, टीएन अय्यर शेषन, जिन्हें 1999 में गांधीनगर से आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी के खिलाफ चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. वहीं दूसरे मुख्य चुनाव आयुक्त एमएस गिल थे, जो दो बार कांग्रेस के टिकट पर राज्यसभा गए और केंद्रीय मंत्री भी रहे थे. तो क्या ये मान लिया जाए कि इनके कार्यकाल में चुनाव आयोग कांग्रेस के लिए काम करता था और जिसके परिणामस्वरूप इनका promotion कांग्रेस पार्टी द्वारा किया गया था?

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को match fixing बोलने वाले ये वही लोग हैं, जिन्होंने चुनाव में हार के बाद अपनी सत्ता बचाने के लिए देश पर आपातकाल थोप दिया था। परिवारवाद से ग्रसित राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी सत्ता में रहे अथवा न रहे, इन लोगों की मानसिकता हमेशा देश को अपनी बपौती समझने की रही है. चुनाव में जीते तो लोकतंत्र, चुनाव आयोग और EVM सब ठीक है. लेकिन, अगर हार गए तो पूरी लोकतांत्रिक व्यवस्था झूठी हो जाती है और देश का लोकतंत्र खतरे में आ जाता है. मगर, राहुल गांधी को ये स्पष्ट हो जाना चाहिए कि देश की जनता कांग्रेस की रग-रग से वाकिफ हो चुकी है और इनकी झूठ की दुकान अब भारत में चलने वाली नहीं है.

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